कल्पना – एक एहसास

ख़याल न थी किसी शायर की
कमाल करने आयी थी |
मिसाल बनकर चल बसी
ख़याल बनकर रह गयी |

रास्तों की खोज में निकली थी
सपनों से सच तक जाने की |
आखिर रास्ता जब मिल ही गया
शान से सपनों को जीने लगी |

छोटे शहर की बेटी थी
खुदके भरोसे पर आयी थी |
छूकर आसमान को आने पर
सारे संसार की लाड़ली बनी |


ख़याल न थी किसी शायर की
कमाल करने आयी थी |
मिसाल बनकर चल बसी
ख़याल बनकर रह गयी |

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